विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को यू.एस.ए. में ही क्यों बनाया गया ?
दोनों संस्थाओं के कार्यों में अंतर
इनके बनाने के पीछे उद्देश्य क्या थे ?
तो आइए जानते हैं-
ये दो कारण महत्वपूर्ण हैं -
- प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद या कह सकते हैं इसके दौरान पहली दुनियां के लोगो को यह महसूस हुआ कि इस world war(first+second) के दौरान कई देश बरबाद हो गए तो कई आर्थिक तौर पर दिवालिया हो गए या होने के कगार पर थे ।
- आर्थिक अस्थिरता चरम पर थी ।
यू.एस.ए. में बनाए जाने के पीछे सबसे बड़ा कारण यू. एस. ए. का सुपर पॉवर बनना ।
ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (Bretton Woods Conference)
- इन दोनों ही संस्थाओं की स्थापना १९४५ में अंतर सरकरी (intergovernmental institution) के रूप में हुआ ।
- इसलिए इन दोनों संस्थाओं को जुड़वा बहन(twin sister) के नाम से भी जाना जाता हैं।
इन दोनों संस्थाओं का मुख्यालय वाशिंगटन डी सी में हैं।
उद्देश्य
I.M.F.(International Monetary Fund)
- अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग को बढावा देना।
- बहुपक्षीय भुगतान प्रणाली की स्थापना करना ।
- विनिमय दर में स्थिरता बनाए रखना ।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र पर निगरानी रखना ।
कार्य -
- BOP (BALANCE OF PAYMENTS) सुधार हेतु कम अवधि का ऋण उपलब्ध कराना ।
- आर्थिक मुद्दों हेतु एक मंच प्रदान करता है ।
- तकनीकी सहायता भी देता है और ट्रेनिंग भी ।
रिपोर्ट्स-
दो रिपोर्ट्स भी जारी करता हैं-
- ग्लोबल स्टेबिलिटी रिपोर्ट्स।
- वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक।
दोनों संस्थाओं के कार्यों में अंतर
- विश्व बैंक नीति सुधार कार्यक्रमो और परियोजनाओं के लिए ऋण आवंटित करता है जबकि आई. एम. एफ. केवल नीति सुधार हेतु ही ऋण प्रदान करता है ।
- विश्व बैंक सामान्यतः सिर्फ विकासशील देशों को ऋण देता है जबकि आई. एम.एफ. विकसित और विकासशील दोनों को ।
- विश्व बैंक द्वारा दिए गए धन पर ब्याज नहीं लगता जबकि आई. एम.एफ. ब्याज सहित उधारी वसूलता हैं ।
आई.एम.एफ. के सदस्यता और वोटिंग अधिकार हेतु ट्रांस शुल्क के रूप में जमा किया जाता है जबकि विश्व बैंक के सदस्यता हेतु ऐसा कुछ नहीं ।
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