आज हम बात करेंगे अपने कुछ खास पहचान की, अपने से ही जुड़े चरित्र की, अपने ही नहीं बल्कि आप सब के । चरित्र का चाहे कोई भी हो, बहुत बड़ी भूमिका होती हैं । लोग अपने चरित्र के ही वजह से पहचाने जाते है । आपने ध्यान दिया होगा जो अपने चरित्र से कभी समझौता नहीं करते ऊनके ऊपर भरोसा किया जाता हैं l लेकिन जो अपने पीछे अपने कदमों के समझौतों के निशान छोड़ जाते है उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता ।
इसलिए कभी भी इन्सान को अपने से समझौता नहीं करना चाहिए । अगर आपकी फितरत है किसी की मदद करना है तो मदद करना ही चाहिए चाहे कुछ हो जाए ।
" चरित्र ही एक इन्सान की पहचान हैं इसे कभी नहीं छोड़ो ताकि आप जब भी मुड़कर पीछे देखे तो आपको अपने साफ - सुथरे कदमों के निशान ही दिखने चाहिए समझौता वादी कदम नहीं । "
"अगर आप आइने में देखकर अपने आपको कभी हीन महसूस करना तो समझ जाना आपने अपने को / अपने चरित्र को कहीं खो रहे हो । "
" कभी - कभी जीवन में समझौता करना पड़ता है लेकिन समझौते में आप अपनी पहचान भूल जाओ ये बात गलत है । "
जैसे सीमा पर तैनात जवानों की फितरत है सीमा की रक्षा करना चाहे कुछ हो जाए उसी तरह आपका भी चरित्र मजबूत होना चाहिए ।
ले"एक बात और चरित्रवान कम है यहां पर ,समझौतावादी ज्यादा ।"
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